हमारा देश पिछले दिनों ऐसे बुरे हालात से गुजरा जिसे इस एक सदी की कठिनतम त्रासदी कहा जा सकता है। कोरोना की दूसरी लहर पहली लहर के मुकाबले ज्यादा भयानक साबित हुई और हमने अपने कई प्रियजनों, परिचितों, मित्रों को खो दिया। ये ऐसी त्रासदी है जिसे हम सब सामूहिक तौर पर महसूस कर रहे हैं। आज एक सामूहिक दुःख की छाया समूचे देश पर छायी नजर आ रही है जिससे बाहर निकलना भी सामूहिक प्रयासों के द्वारा ही संभव … Continue reading “कोरोना संकट और देश के वर्तमान हालात: कुछ आशाएँ, कुछ उम्मीदें”
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लोकतंत्र के महापर्व में जागृत होता बंगाल और ममता दीदी की बौखलाहट (शैलेन्द्र कुमार)
Posted on March 16, 2021March 18, 2021 Leave a comment on लोकतंत्र के महापर्व में जागृत होता बंगाल और ममता दीदी की बौखलाहट (शैलेन्द्र कुमार)चुनावी बिगुल बज चुके हैं, देश के पाँच राज्यों में अगले कुछ महीनों में चुनाव होने वाले हैं। लेकिन सबसे ज्यादा रोचक जिस राज्य का चुनाव हो गया है वो है पश्चिम बंगाल। और इसे रोचक बनाने वाले शख्स का नाम है ममता बनर्जी, जिन्हें उनके समर्थक और आलोचक सभी ममता दीदी के नाम से पुकारते हैं। वे पिछले दस सालों से पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री हैं और दस सालों में उन्होंने बंगाल का जो हाल बना दिया है उस … Continue reading “लोकतंत्र के महापर्व में जागृत होता बंगाल और ममता दीदी की बौखलाहट (शैलेन्द्र कुमार)”
संविधान दिवस: संविधान को मजबूत करने की दिशा में एक कदम (शैलेन्द्र कुमार)
Posted on March 16, 2021March 18, 2021 Leave a comment on संविधान दिवस: संविधान को मजबूत करने की दिशा में एक कदम (शैलेन्द्र कुमार)कोई भी देश खासकर लोकतंत्र बिना किसी संविधान के नहीं चल सकता। देश के सुचारू रूप से चलने के लिए संविधान की जरूरत पड़ती ही है। हरेक देश का अपना एक संविधान है। लेकिन भारत में संविधान का महात्मय इतना अधिक है कि हम हर साल गणतंत्र दिवस के रूप में संविधान लागू होने का दिन मनाते आये हैं। 2014 में देश में एक राष्ट्रवादी सरकार बनने के बाद इस दिशा में और काम हुआ। नवंबर, 2015 में सबसे बड़े … Continue reading “संविधान दिवस: संविधान को मजबूत करने की दिशा में एक कदम (शैलेन्द्र कुमार)”
गुड गवर्नेंस की नीति और भारत सरकार (शैलेन्द्र कुमार)
Posted on March 16, 2021March 18, 2021 Leave a comment on गुड गवर्नेंस की नीति और भारत सरकार (शैलेन्द्र कुमार)2014 में जब देश में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार का गठन हुआ तब से बहुत सारे ऐसे काम हुए जो अबतक किसी सरकार ने नहीं किये। इनमें से एक है कई तरह के नए दिवसों का मनाया जाना जो मूलतः प्रधानमंत्री मोदी के विचारों का ही परिणाम थे। अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस, संविधान दिवस तो जनसामान्य में अब काफी लोकप्रिय हो चुके हैं, लेकिन साल 2014 में ही जब अटल बिहारी वाजपेयी और पं. मदन मोहन मालवीय जी … Continue reading “गुड गवर्नेंस की नीति और भारत सरकार (शैलेन्द्र कुमार)”
पराक्रम दिवस, कुछ ऐतिहासिक तथ्य और नेताजी से प्रेरणा पाता आत्मनिर्भर भारत (शैलेन्द्र कुमार)
Posted on March 13, 2021March 18, 2021 Leave a comment on पराक्रम दिवस, कुछ ऐतिहासिक तथ्य और नेताजी से प्रेरणा पाता आत्मनिर्भर भारत (शैलेन्द्र कुमार)श्याम बेनेगल ने नेताजी पर एक बायोपिक बनाई है जिसका शीर्षक ही है ‘नेताजी सुभाष चन्द्र बोस : द फॉरगॉटन हीरो’। ऐसा नहीं है कि देश ने या देश की जनता ने उन्हें भुला दिया या उतना याद नहीं रखा, नेताजी आज भी हर भारतवासी के दिलों में जिंदा हैं और इसका प्रमाण इस ‘पराक्रम दिवस’ पर दिखाई भी दिया। दरअसल होता यूँ रहा कि नेताजी को भुला देने और स्वतंत्रता की लड़ाई के कुछ अवास्तविक नेताओं की राष्ट्रीय छवि … Continue reading “पराक्रम दिवस, कुछ ऐतिहासिक तथ्य और नेताजी से प्रेरणा पाता आत्मनिर्भर भारत (शैलेन्द्र कुमार)”