हमारा देश पिछले दिनों ऐसे बुरे हालात से गुजरा जिसे इस एक सदी की कठिनतम त्रासदी कहा जा सकता है। कोरोना की दूसरी लहर पहली लहर के मुकाबले ज्यादा भयानक साबित हुई और हमने अपने कई प्रियजनों, परिचितों, मित्रों को खो दिया। ये ऐसी त्रासदी है जिसे हम सब सामूहिक तौर पर महसूस कर रहे हैं। आज एक सामूहिक दुःख की छाया समूचे देश पर छायी नजर आ रही है जिससे बाहर निकलना भी सामूहिक प्रयासों के द्वारा ही संभव … Continue reading “कोरोना संकट और देश के वर्तमान हालात: कुछ आशाएँ, कुछ उम्मीदें”